( शब्द ) धन सतगुरू सत् कबीर – भगत की पीड़ मिटाने वाले

 ( शब्द ) धन सतगुरू सत् कबीर – भगत की पीड़ मिटाने वाले


धन-धन सतगुरू सत कबीर,
भगत की पीड़ मिटाने वाले।
धन-धन सतगुरू सत कबीर,
भगत की पीड़ मिटाने वाले।।

रहे नल नील जतन कर हार, 
तब सतगुरू से करी पूकार ।
जा सत रेखा लिखी अपार, 
सिंधू पै शिला तिराने वाले।।

धन-धन सतगुरू सत कबीर, 
भगत की पीड़ मिटाने वाले।
धन-धन सतगुरू सत कबीर, 
भगत की पीड़ मिटाने वाले।

डसी सर्प नै जब जा,  
पूकारि इंद्रमति अकूलाए।
आपनें तुरंत करी सहाय,
बैरोली मंत्र सूनाने वाले।

धन-धन सतगुरू सत कबीर, 
भगत की पीड़ मिटाने वाले ।
धन-धन सतगुरू सत कबीर,
भगत की पीड़ मिटाने वाले।।

दामोदर सेठ के होवैं थे अकाज, 
अरज करी डूबता देख जहाज।
लाज मेरी रखियो गरीब निवाज, 
समुंदर से पार लंघाने वाले।।

धन-धन सतगुरू सत कबीर, 
भगत की पीड़ मिटाने वाले।
धन-धन सतगुरू सत कबीर,
भगत की पीड़ मिटाने वाले।।

कहै कर जोड़ दीन धर्मदास, 
दर्श दे पूर्ण करियो आस।
मेट दयो जनम मरण की त्रास
सहज पद प्राप्त कराने वाले।

धन-धन सतगुरू सत कबीर, 
भगत की पीड़ मिटाने वाले।
धन-धन सतगुरू सत कबीर,
भगत की पीड़ मिटाने वाले।।




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