श्रीमद भगवद गीता अध्याय 8 श्लोक 9 मे प्रमाण है की
सबके पालनहार कबीर परमेश्वर का ही सुमरण करना चाहिए
Geeta Chapter 8 Verse 9
कविम्, पुराणम् अनुशासितारम्, अणोः, अणीयांसम्, अनुस्मरेत्,यः, सर्वस्य, धातारम्, अचिन्त्यरूपम्, आदित्यवर्णम्, तमसः, परस्तात्।।9।।
अनुवाद: (कविम्) कविर्देव, अर्थात् कबीर परमेश्वर जो कवि रूप में प्रसिद्ध होता है वह (पुराणम्) अनादि, (अनुशासितारम्) सबके नियन्ता (अणोः, अणीयांसम्) सूक्ष्मसे भी अति सूक्ष्म, (सर्वस्य) सबके (धातारम्) धारण-पोषण करने वाला (अचिन्त्यरूपम्) अचिन्त्य-स्वरूप (आदित्यवर्णम्) सूर्यके सदृश नित्य प्रकाशमान है (यः) जो साधक (तमसः) उस अज्ञानरूप अंधकारसे (परस्तात्) अति परे सच्चिदानन्दघन परमेश्वरका (अनुस्मरेत्) सुमरण करता है। (9)
केवल हिन्दी अनुवाद: कविर्देव, अर्थात् कबीर परमेश्वर जो कवि रूप से प्रसिद्ध होता है वह अनादि, सबके नियन्ता सूक्ष्मसे भी अति सूक्ष्म, सबके धारण-पोषण करनेवाले अचिन्त्य-स्वरूप सूर्यके सदृश नित्य प्रकाशमान है। जो उस अज्ञानरूप अंधकारसे अति परे सच्चिदानन्दघन परमेश्वरका सुमरण करता है। (9)
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